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"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

रविवार, 4 मई 2008

किससे क्या सीखें --डॉ. विश्वनाथ शुक्ल



किससे क्या सीखें
--डॉ. विश्वनाथ शुक्ल

चिड़ियों से सीखेंगें हम सब बड़े सवेरे जगना
सूरज से सीखेंगें आलस छोड़ काम में लगना
धरती से सीखेंगें सुख दुख एक भाव से सहना
पर्वत से सीखेंगें तूफ़ानों में अविचल रहना
नदियों से सीखेंगें हरदम आगे बढ़ते जाना
आंधी से सीखेंगें बाधाऒं से लड़ते जाना
चींटी से सीखेंगें हम सब अनुशासन में चलना
पेड़ों से सीखेंगें सबके लिये फूलना फलना
मधुमक्खी से सीखेंगें हम अथक परिश्रम करना
फूलों से सीखेंगें हंसना मधुर गंध से भरना
जिसमें जो कुछ अच्छा है हम उससे वह सीखेंगें
हम भारत के लाल चमकते हुए अलग दीखेंगें
( प्रस्तुति सहयोग: योगेन्द्र मौदगिल )

2 टिप्पणियाँ:

Udan Tashtari ने कहा…

जिसमें जो कुछ अच्छा है हम उससे वह सीखेंगें

--बिल्कुल सही.

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