Subscribe

RSS Feed (xml)

"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

बुधवार, 27 जुलाई 2011

सूरज एक, चन्दा एक .....तारे भये अनेक ....

एक अनेक एकता 





पंडित विनयचंद्र मौद्गिल्य द्वारा रचित इस बालगीत  (1974) को 7 मिनट की एनिमेटेड वीडियो में ढाल कर इस कला ( एनीमेशन) के भारतीय सरताज भीमसेन  ने इसे बनाया था और दूरदर्शन  पर लाखों बच्चों के बचपन की स्मृतियों में यह गुंथी है । 

 भारतीय शॉर्ट फिल्मों के इतिहास की  सर्वाधिक लोकप्रिय, सर्वाधिक डाऊनलोड की गई और सर्वाधिक देखी गई शॉर्ट फिल्म के रूप में भी इसे महत्व प्राप्त है।

आज भी इसे देखते हुए रोमांच हो आना स्वाभाविक है। 


5 टिप्पणियाँ:

Vandana Ramasingh ने कहा…

यादें ताज़ा हो गयीं शुक्रिया

रुनझुन ने कहा…

बहुत ही सुन्दर! मुझे बहुत अच्छी लगी,शुक्रिया!

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

मेरी पोती देखकर साथ साथ गाने लगी ॥ आभार।

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

बहुत ही सुन्दर बाल गीत ..शिक्षा प्रद ..रचनाकार प्रिय मित्रों को बहुत बधाई
शुक्ल भ्रमर ५

एक टिप्पणी भेजें

आपका एक-एक सार्थक शब्द इस अभियान व प्रयास को बल देगा. मर्यादा व संतुलन, विवेक के पर्याय हैं और उनकी सराहना के शब्द मेरे पास नहीं हैं;पुनरपि उनका सत्कार करती हूँ|आपके प्रतिक्रिया करने के प्रति आभार व्यक्त करना मेरा नैतिक दायित्व ही नहीं अपितु प्रसन्नता का कारण भी है|पुन: स्वागत कर हर्ष होगा| आपकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।

Related Posts with Thumbnails