जब कभी मैं आँख मींच कर
अपने आप से कहता हूँ - 'देश'
तो अंधेरे में अचानक जगमगाती है
इतिहास की विराटता,
कानों में गूंजने लगता है - 'वंदे मातरम
दिखाई पड़ते हैं
-महाराणा प्रताप
-शिवाजी
-झांसी की रानी
-तिलक और गांधी।
और फिर सुनाई पड़ता है
स्वतंत्र भारत का जयघोष.
यह इतिहास मेरी पहचान है!
-महाराणा प्रताप
-शिवाजी
-झांसी की रानी
-तिलक और गांधी।
और फिर सुनाई पड़ता है
स्वतंत्र भारत का जयघोष.
यह इतिहास मेरी पहचान है!
हाँ, मेरा देश महान है!!
(- ऋषभदेव शर्मा)
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