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"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

मंगलवार, 22 जुलाई 2008

समय



समय


कहते हैं, कभी अर्जुन ने

कृष्ण का विराट रूप देखकर

पूछा था आश्चर्य से-

कौन हो तुम? तुम कौन हो?


कृष्ण ने मुस्करा कर कहा था-

मैं समय हूँ, पार्थ! मैं काल हूँ!



जो था, जो है, जो होगा

सब समय है, सब ईश्वर है।

वह साथ हो

तो अर्जुन जीत जाता है महाभारत।

वह साथ न हो तो

अर्जुन- वही अर्जुन-

हार जाता है साधारण भीलों से.



हे समय!

तू सचमुच बलवान है।

तुझे प्रणाम।

- ऋषभ देव शर्मा

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