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शनिवार, 4 सितंबर 2010

है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं




  नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

कवि श्री गोपालप्रसाद व्यास 


***



Netaji Subhash Chandra Bose 


है समय नदी की बाढ़ कि जिसमें सब बह जाया करते हैं।
है समय बड़ा तूफ़ान प्रबल पर्वत झुक जाया करते हैं ।।
अक्सर दुनियाँ के लोग समय में चक्कर खाया करते हैं।
लेकिन कुछ ऐसे होते हैं, इतिहास बनाया करते हैं ।।

             
             यह उसी वीर इतिहास-पुरुष की अनुपम अमर कहानी है।
             जो रक्त कणों से लिखी गई, जिसकी जयहिन्द निशानी है।।
             प्यारा सुभाष, नेता सुभाष, भारत-भू का उजियारा था ।  
             पैदा होते ही गणिकों ने जिसका भविष्य लिख डाला था।।


यह वीर चक्रवर्ती होगा, या त्यागी होगा सन्यासी।
जिसके गौरव को याद रखेंगे, युग युग तक भारतवासी।।
सो वही वीर नौकरशाही ने,पकड़ जेल में डाला था ।
पर क्रुद्ध केहरी कभी नहीं फंदे में टिकने वाला था।।


              बाँधे जाते इंसान, कभी तूफ़ान न बाँधे जाते हैं।
              काया ज़रूर बाँधी जाती, बाँधे न इरादे जाते हैं।।
           वह दृढ़-प्रतिज्ञ सेनानी था, जो मौका पाकर निकल गया।
           वह पारा था अंग्रेज़ों की मुट्ठी में आकर फिसल  गया।।


जिस तरह धूर्त दुर्योधन से, बचकर यदुनन्दन आए थे।
जिस तरह शिवाजी ने मुग़लों के, पहरेदार छकाए थे ।।
बस उसी तरह  यह तोड़ पींजरा, तोता-सा बेदाग़ गया। 
जनवरी माह सन् इकतालिस,मच गया शोर वह भाग गया।।


            वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे, ये धूमिल अभी कहानी है।
            हमने तो उसकी नयी कथा, आज़ाद फ़ौज से जानी है।। 



11 टिप्पणियाँ:

girish pankaj ने कहा…

bahut pahale parhee thee yah kavitaa. fir se parh kar achchha lagaa. jaise us din baat kar ke lagaa thaa.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

आज a फार एप्पल के दौर में मुझे नहीं लगता कि नयी पीढ़ी इस तरह की कवितायेँ पढ़ पायेगी, अफ़सोस होता है.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

इतिहास से ऐसे महापुरुषों के नाम मिटाने की साजिश भी हो रही है !!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सचमुच, आपकी पोस्ट बहुत बढ़िया है।
--
इसकी चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/16.html

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

कविता आंटी.... मैंने तो पहली बार नेताजी के बारे में इतनी सुंदर कविता पढ़ी है..... आपका धन्यवाद इस प्यारी कविता के लिए.....

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar ने कहा…

नेता जी पर लिखी गयी सुन्दर और सन्देश परक रचना----।

शिवा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता
कभी समय निकालकर //shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपनी एक दृष्टी डालें .

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

डॉ कविता जी बहुत सुन्दर रचना नेता जी पर लिखी हुयी निम्न पंक्ति बहुत सुन्दर बन पड़ी है
बांधे जाते इंसान कभी तूफान न बांधे जाते हैं
नेता जी का किया धरा हम आज कैसे भूल सकते हैं ...
बधाई हो

बेनामी ने कहा…

namste kvita aanti achhi kavita likhii hai aapne subhashhchandr vos par mai bhi unhe pasnd krta huu.

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