Subscribe

RSS Feed (xml)

"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

गुरुवार, 12 जून 2008

सुन्दरता


सुन्दरता
ऋषभ देव शर्मा











मैंने फूलों को देखा खिलते हुए,

मैंने चिडियों को देखा चहकते हुए,

मैंने लहरों को देखा मचलते हुए,

मैंने बादल को देखा बरसते हुए,

मैंने किसान को देखा पसीना बहाते हुए,

मैंने लुहार को देखा लोहे सा तपते हुए

मैंने चाँद को देखा घटते-बढ़ते हुए,

मैंने सूरज को देखा चमकते हुए,

हर बार मुझे लगा,

यह दुनिया कितनी सुंदर है।

लोग इसे कुरूप क्यों बनाते हैं?
यह तो सचमुच सुंदर है!!!

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

आपका एक-एक सार्थक शब्द इस अभियान व प्रयास को बल देगा. मर्यादा व संतुलन, विवेक के पर्याय हैं और उनकी सराहना के शब्द मेरे पास नहीं हैं;पुनरपि उनका सत्कार करती हूँ|आपके प्रतिक्रिया करने के प्रति आभार व्यक्त करना मेरा नैतिक दायित्व ही नहीं अपितु प्रसन्नता का कारण भी है|पुन: स्वागत कर हर्ष होगा| आपकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।

Related Posts with Thumbnails