खलील जिब्रान
सीरिया देश के माउण्ट लेबनान प्रान्त के बशीरी नामक नगर में एक कवि एवं चित्रकार का जन्म सन् 1883 में हुआ। लोग उसे लेबनान के अमरदूत के रूप में जानते हैं। वह कवि और कोई नहीं अपितु खलील जिब्रान के नाम से आज विश्वविख्यात है। लेबनान वह प्रान्त है जहां यहूदियों के अनेक पैगम्बर पैदा हो चुके हैं। और, खलील जिब्रान की रचनायें उसे महान युगद्रष्टा के रूप में प्रतिष्ठित करती हैं।
बारह वर्ष की उम्र में इस बालक ने पिता की उंगली पकड़ कर यूरोप की यात्रा की। लगभग दो वर्ष बाद वापस सीरिया पहुंच कर 'मदरसत-अल-हिकमत' नाम के एक प्रसिद्ध विद्यालय में इस बालक का पहला दाखिला कराया गया। विद्यार्थी जीवन के पश्चात् 1903 में वे अमेरिका गये और पांच वर्ष वहां रह कर फ्रांस पहुंचे। फ्रांस के नगर पेरिस में उन्होंने चित्रकला का अध्ययन किया। सन् 1912 में पुन: अमेरिका लौटकर मरणोपरान्त वे न्यूयार्क में ही रहे।
खलील जिब्रान ने सीरिया में रहकर अनेक पुस्तकें अरबी भाषा में लिखीं। सन् 1918 के आसपास उनका झुकाव अंग्रेजी में लेखन के प्रति हुआ। खलील जिब्रान की अपूर्व लेखनशैली और गहन विचारों ने अमेरिका, यूरोप और पूरे एशिया में जनमानस को प्रभावित किया। विश्व की तीस से अधिक भाषाओं में उनकी पुस्तकों का अनुवाद हुआ है। वे बीसवीं सदी के दांते कहे जाने लगे। अपनी पुस्तकों पर चित्रांकन खलील जिब्रान स्वयं किया करते थे। खलील जिब्रान के चित्रों का प्रदर्शन सभी देशों के प्राय: सभी मुख्य नगरों में हुआ। चित्रकला में उनकी तुलना अमेरिका के महान कलाकारों आगस्ट रोडिन और विलियम ब्लैक से की जाने लगी। एक बार आगस्ट रोडिन ने कवि जिब्रान से अपना चित्र बनवाने की इच्छा प्रकट की।
कवि एवं चित्रकार खलील जिब्रान यद्यपि आज इस संसार में नहीं हैं, दिनांक 10 अप्रैल 1931 को उनका देहावसान मात्र 48 वर्ष की आयु में हो गया, तथापि अपनी रचनाओं में वे सदैव अमर रहेंगे और विश्व को शान्ति, मनुष्यता और भाईचारे का संदेश सुनाते रहेंगे।
(प्रस्तुति सहयोग : आशीष दुबे )
3 टिप्पणियाँ:
पठनीय,संग्रहणीय,सराहनीय सामग्री.....बधाई!
यक्ष जी,
इन सराहना के शब्दों के लिए आभारी हूँ. सद्भाव बनाए रखें
I am very glad to inform you and your excellent effort for your site.
thanks
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