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"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

शुक्रवार, 20 जून 2008

बच्चे : विविध रूप

बच्चे : विविध रूप

Paintings - Jim Daly


बाल सुलभता पर मुग्ध हो कर कला के जाने कितने प्रतिमान विविध रूपों में रचे गए हैं। सूरदास की रचनाओं से लेकर 'ठुमक चलत रामचंद्र' तक के कई मनोहारी चित्र इसी प्रकार हिन्दी पट्टी वालों के मन-मस्तिष्क पर अंकित होंगे।यही स्थिति न्यूनाधिक अन्य अभिव्यक्ति माध्यमों की है।

चित्रकारों ने भी अपनी तूलिका से जाने कितनी व कैसी-कैसी सुंदर कृतियाँ रची हैं जो बाल्यकाल के सुंदर खाके खींचने में अपना सानी नहीं रखतीं.
इसी बचपन को रंगों व अपनी पेंटिंग्स में उतारने का भावुक प्रयास Jim Daly की तूलिका ने भी किया है. आज उनकी आँख से बच्चों को चित्रबद्ध देखते हैं ---




































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