पूज पाया जो नहीं इंसान को! पूज पायेगा कहाँ भगवान् को??
दूसरों का हक़ दबाना चाहते पूजते हैं लोग वे शैतान को!!
पूज्य हैं सबसे प्रथम माता-पिता, सीखना यह चाहिए संतान को!!
देश में राजा भले पुजते रहें, पूजती दुनिया मगर विद्वान् को!!
-ऋषभ देव शर्मा
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आपका एक-एक सार्थक शब्द इस अभियान व प्रयास को बल देगा. मर्यादा व संतुलन, विवेक के पर्याय हैं और उनकी सराहना के शब्द मेरे पास नहीं हैं;पुनरपि उनका सत्कार करती हूँ|आपके प्रतिक्रिया करने के प्रति आभार व्यक्त करना मेरा नैतिक दायित्व ही नहीं अपितु प्रसन्नता का कारण भी है|पुन: स्वागत कर हर्ष होगा| आपकी प्रतिक्रियाएँ मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।
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