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"आमंत्रण" ---- `बालसभा’ एक अभियान है जो भारतीय बच्चों के लिए नेट पर स्वस्थ सामग्री व जीवनमूल्यों की शिक्षा हिन्दी में देने के प्रति प्रतिबद्ध है.ताकि नेट पर सर्फ़िंग करती हमारी भावी पीढ़ी को अपनी संस्कृति, साहित्य व मानवीयमूल्यों की समझ भी इस संसाधन के माध्यम से प्राप्त हो व वे केवल उत्पाती खेलों व उत्तेजक सामग्री तक ही सीमित न रहें.कोई भी इस अभियान का हिस्सा बन सकता है, जो भारतीय साहित्य से सम्बन्धित सामग्री को यूनिकोड में टंकित करके ‘बालसभा’ को उपलब्ध कराए। इसमें महापुरुषों की जीवनियाँ, कथा साहित्य व हमारा क्लासिक गद्य-पद्य सम्मिलित है ( जैसे पंचतंत्र, कथा सरित्सागर, हितोपदेश इत्यादि).

शनिवार, 23 अगस्त 2008

पूजा ( पूज पाया जो नहीं इंसान को )


पूजा


पूज पाया जो नहीं इंसान को!
पूज पायेगा कहाँ भगवान् को??



दूसरों का हक़ दबाना चाहते
पूजते हैं लोग वे शैतान को!!



पूज्य हैं सबसे प्रथम माता-पिता,
सीखना यह चाहिए संतान को!!



देश में राजा भले पुजते रहें,
पूजती दुनिया मगर विद्वान् को!!

-ऋषभ देव शर्मा

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